तुलसीदास
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
सूरदास
नागार्जुन
बरसने का
छाए रहने का
कड़कड़ाने का
इनमें सभी ।
बिजली की कड़क
पानी
रहस्य
काली घटा
केशों के
आसमान के
वर्षा के
इनमें कोई नहीं ।
कवि से
वर्षा से
सृष्टि से
इनमें सभी
स्वयं से
बादलों से
चाँद से
इनमें सभी ।
गर्मी के कारण खुश है।
गर्मी के कारण बेचैन और उदास है।
वर्षा के कारण उत्साहित है।
इनमें सभी ।
जीवन के संहार और विध्वंस की ओर ।
ललित कल्पना, क्रांति चेतना के साथ नव निर्माण, नवसंचार की ओर ।
जीवन में निराशा और हताशा की ओर।
पूँजीपतियों एवं व्यापारी वर्ग की ओर ।
उदास बादलों की
उदास प्राणियों की
(a) और (b) दोनों
इनमें कोई नहीं ।
उदासी का
खुशी का
चमत्कार का
इनमें सभी ।
अनंत
नवजीवन वाले
ललित
मनमोहक
गोल-गोल घूमकर
धीरे-धीरे
आकाश को घेरकर
तीव्र वेग से
शांति का
क्रांति का
स्थिरता का
सुख का
बाल कल्पना
काले घुँघराले बालों की कल्पना
आसमान की कल्पना
विद्युत की कल्पना
जन सामान्य की पीड़ा
जलवायु परिवर्तन
अत्यधिक गर्मी
वैश्विक तपन
अज्ञात दिशा
अनंन्त के घन
विकल
इनमें सभी ।
बादलों का
संसार के सभी प्राणियों का
कवि का
इनमें सभी
ईश्वर के घर से
आसमान के एक विशेष छोर से
अनजान दिशा से
धरा से
धरती को शीतल करने का
प्राणियों के मन को विकल करने का
ज्ञात दिशा से आने का
धरा को तप्त करने का
सूरदास
सूर्यकांत त्रिपाठी
जयशंकर प्रसाद
नागार्जुन
उत्साह
कन्यादान
आत्मकथ्य
छाया मत छूना
क्रांति
रूदन
वेदना
संवेदना
धरती के
प्रेयसी के
बादल के
इनमें कोई नहीं
आकाश
समुद्र
बादल
पृथ्वी
उत्साह
कन्यादान
फसल
अट नहीं रही है।
अत्यधिक गर्मी
अत्यधिक सर्दी
अत्यधिक बरसात
वसंत
बादल से
समुद्र से
नदी से
विद्युत से
उत्साह
पद
फसल
अट नहीं रही है ।
तुलसीदास
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
सूरदास
नागार्जुन
फागुन (वसंत ऋतु) में
ग्रीष्म ऋतु में
शीत ऋतु में
इनमें कोई नहीं ।
प्राकृतिक सौंदर्य का
वर्षा ऋतु का
भौगोलिक सौंदर्य का
इनमें कोई नहीं
डालियों से पत्ते झड़ गए
डालियाँ पत्तों से भर गई
डालियाँ सूख गई
इनमें कोई नहीं ।
सब जगह सुंदरता फैली हुई है।
रंग-बिरंगे फूल-पत्ते छा गए हैं।
पतझड़ आ गया है।
(a) और (b) दोनों ।
फागुन
माघ
कार्तिक
वैशाख
प्रेयसी की ओर से
विशालकाय पर्वत की ओर से
प्राकृतिक सुंदरता की ओर से
काले-काले बादलों की ओर से
पेड़ों के पत्ते गिरने लगते हैं।
पेड़ों पर रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं ।
पेड़-पौधे मुरझाने लगते हैं।
इनमें सभी।
फागुनं का सौंदर्य अनूठा है।
फागुन का सौंदर्य फीका है।
फागुन का सौंदर्य कांतिहीन है।
फागुन का सौंदर्य अशोभनीय है।
रंग-बिरंगे पत्ते
विशाल पर्वत एवं नदियाँ
अपार जल
शोभा एवं सौंदर्य
सुहावने मौसम के कारण
पहाड़ों पर बर्फ जमने के कारण
नदियों में गर्म पानी बहने के कारण
पेड़ पौधों पर फूल मुरझाने के कारण
हवा की
फलों की
नभ की
फूलों की
शुष्क
नमीयुक्त
मंद-मंद
मादक
डर
मायूसी
खुशी
दुःख
फागुन
माघ
वैशाख
आषाढ़
बादलों का साँस लेना ।
फागुन की हरियाली महसूस करना ।
वातावरण का सुगंधित और मादक हो जाना ।
फूलों के द्वारा घर-घर प्रवेश करना ।
1878
1863
1906
1899
फूलों की
कवि की
बादलों की
फागुन की ।
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